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मोहन की जो याद आई जरा अश्को को बहाने दो
जिन राहो से वो गुजरे वो राहे सजाने दो
सुनते है मेरे मोहन नजरो से पिलाते हो
एक बार जरा नजरे नजरो से मिलाने दो||1||
सुनते है मेरे मोहन रोतो को हँसाते है
एक बार तो दुखड़ो को हमको बे सुनाने दो||2||
सुनते है मेरे मोहन करुना बरसाते है
एक बार तो हमको भी दर्श तो पाने दो ||3||
जो चाहे सजा देना ऐ श्याम के दरबानो
एक बार तो चरणों में जरा सीर को झुकाने दो||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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