
जो तुमको भूल जाए वो दिल कहाँ से लाऊँ
दिल है तो दिल में क्या है कैसे तुम्हे बताऊँ
मेरे दिल का राज़ गम है, तू है बेपरवाह गम से
तुझे अपने दरद -ऐ -दिल की, क्या दास्ताँ सुनाऊँ||1||
मेरे दिल की बेबसी में, अरमान थक गए हैं !
तेरी राह पे नज़र है ,अब और चल न पाऊं||2||
मुझे याद तुम हो लेकिन, मुझे याद भी है अपनी
कभी यूं भी याद आओ, के मैं खुद को भूल जाऊं||3||
जो तुमको भूल जाए वो दिल कहाँ से लाऊँ
दिल है तो दिल में क्या है कैसे तुम्हे बताऊँ
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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