
वो उठा रहे हैं पर्दा सरकार चुपके-चुपके
मैं नजारा कर रही हूँ सरेआम चुपके-चुपके
ये झुकी-झुकी निगाहें ये मद भरे इशारे
मुझे दे रहे हैं शायद पैगाम चुपके-चुपके||1||
ये मुरली का तराना करे अपनों से बेगाना
ये सितम हो रहा है सरेआम चुपके-चुपके||2||
कभी शोखिया दिखाना कभी तेरा मुसुकुराना
ये अदाए कर न जाए मेरा काम चुपके -चुपके||3||
वो उठा रहे हैं पर्दा सरकार चुपके-चुपके
मैं नजारा कर रही हूँ सरेआम चुपके-चुपके
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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