
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करूँ हाय राम हाय
कोई सखी सहेली नाहीं संग मैं अकेली
कोई देखे तो ये जाने
पनिया भरने के बहाने
गगरी उठाये राधा श्याम से
हाय-हाय श्याम से मिलने जाये हाय||1||
आये पवन झकोरा टूटे अंग-अंग मोरा
चोरी-चोरी चुपके-चुपके
बैठा कहीं पे वो छुपके
देखे मुस्काये निरलज को
निरलज को लाज न आये हाय||2||
मैं न मिलूँ डगर में तो वोह चला आये घर में
मैं दूँ गाली मैं दूँ झिड़की
मैं ना खोलूँ बंद खिड़की
निंदिया जो आये तो वो कंकर
हाय-हाय कंकर मार जगाये हाय||3||
भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये
मोरी चुनरिया लिपटी जाये
मैं का करूँ हाय राम हाय हाय
भोर भये पनघट पे..
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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