
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
पास हमारे कुछ भी नहीं,
केवल भाव चडाना है ॥
जब से तेरी सूरत देखि,
तुम में प्रेम की मूरत देखि ।
अपना तुम्हे बनाना है,
अपना तुम्हे बनाना है ॥1||
और किसी को क्या मैं जानू,
अपनी लगन को सबकुछ जानू ।
दिल का दर्द सुनाना है,
दिल का दर्द सुनाना है ॥2||
जन्मो से मैं भटकी मोहन,
युग युग से मैं भटकी प्रीतम ।
अब ना तुम्हे भुलाना है,
अब ना तुम्हे भुलाना है ॥3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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