
ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥
महलों में पली, बन के जोगन चली ।
मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ॥
कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।
बैठी संतो के संग, रंगी मोहन के रंग,
मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी ।
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥1||
राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,
मीरा सागर में सरिता समाने लगी ।
दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,
मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।
वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥2||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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