
हे प्रभु मुझे बतादो, चरणोँ मेँ कैसे आऊँ,
माया के झनझटोँ से, मुक्ति मैँ कैसे पाऊँ |
ना जानूँ कोई पूजन, अज्ञानी हूँ मैँ भगवन,
अज्ञानी हूँ मैँ भगवन, नादान हूँ मैँ भगवन।
करना कृपा दयालु, बन्धन से छूट जाऊँ ||1||
मैँ हूँ पतित पापी, तुम हो पतित पावन,
तुम हो पतित पावन, तुम हो सर्वेश्वर भगवन,
अवगुण भरा है मुझमेँ, कैसे तुम्हे दिखाऊँ ||2||
भगवन इतना कीजै, अपनी ही भक्ति दीजै,
अपनी ही भक्ति दीजै, चरणोँ मे जगह दीजै,
हो प्रेम आपसे ही, तुमको ना भूल पाऊँ ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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