
तू ही तू दिखे चाहू ओर दिखे न कोई
दे दर्श बुझा दे प्यास ओ मेरे कृष्ण कन्हाई |
शीश मुकुट कानों में कुंडल गल वैयजन्ती माला
हाथों में कंगन पैरों में नुपुर और नयन विशाला
मोहिनी छवि मन में हैं समाई ||1||
काली पलकें कजरारी अलकें मुख पे लट लहरावे
मोरों जैसी चाल चले दिल लुट के ले जावे
बजा के मुरली तुने सबकी होश उडाई ||2||
अधरन की मुस्कान मुरली की तान हर अदा है तेरी बांकी
दिल बस में रहा ना मेरे निरख मनोहर झांकी
तू ही तू दिखे चाहू ओर दिखे न कोई
दे दर्श बुझा दे प्यास ओ मेरे कृष्ण कन्हाई
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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