मेरे श्याम तेरी नौकरी
published on 16 September
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मेरे श्याम तेरी नौकरी
सबसे बढ़िया है सबसे खरी ||
मैं नहीं था किसी काम का,
ले सहारा तेरे नाम का,
बन गयी अब तो बिगड़ी मेरी ||1||
जब से तेरा गुलाम हो गया ,
तब से मेरा भी नाम हो गया,
वर्ना औकात क्या थी मेरी ||2||
मेरी तनखा भी कुछ कम नहीं ,
कुछ मिले ना मिले गम नहीं,
ऐसी होगी कहाँ दूसरी ||3||
एक वियोगी दीवाना हु मैं ,
खाक चरणो की चाहता हु मैं,
आखिरी इल्तजा है मेरी ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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