कोई जीता है प्यार में, कोई मरता है प्यार में |
published on 16 September
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कोई जीता है प्यार में, कोई मरता है प्यार में |
कान्हा से करा प्यार, हम तर गए संसार से ||
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जीवन के दुःख अब उनपर दिए है छोड़
मेरे जीवन की उन्होंने थाम ली है डोर ||1||
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ना में राधा , ना में मीरा,ना मै गोपी कोई |
उस नटवर नागर की मै तो भक्तन होई ||2||
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मूढ़ बनी मै दर- दर भटकी,पास दिखा ना कोई
जब से कान्हा रंग रंगी हूँ,सब सुख होई ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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