दरबार में बंशी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है ,
published on 16 September
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दरबार में बंशी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है ,
दुनिया ने जिसको ठुकराया यहाँ गले लगाये जाते है |
दुनिया में जहर दर्दो गम का पीना पड़ता मज़बूरी में ,
जी भरकर प्याले अमृत के यहाँ रोज पिलाये जाते है ||1||
किस्मत के मारे कहा रहे दुनिया छोटी पड़ जाती है ,
जो शरण श्याम की आते है पलकों पे बिठाये जाते है ||2||
बनवारी जो मझधार में है जिनका ना कोई सहारा है ,
दो आंसू गिरा दे चरणों पर फिर पार लगाये जाते है ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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