दरबार में बंशी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है ,

दरबार में बंशी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है ,






दरबार में बंशी वाले के दुःख दर्द मिटाये जाते है ,
दुनिया ने जिसको ठुकराया यहाँ गले लगाये जाते है |

दुनिया में जहर दर्दो गम का पीना पड़ता मज़बूरी में ,
जी भरकर प्याले अमृत के यहाँ रोज पिलाये जाते है  ||1||

किस्मत के मारे कहा रहे दुनिया छोटी पड़ जाती है ,
जो शरण श्याम की आते है पलकों पे बिठाये जाते है  ||2||

बनवारी जो मझधार में है जिनका ना कोई सहारा है ,
दो आंसू गिरा दे चरणों पर फिर पार लगाये जाते है ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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