मेरा गोपाल गिरधारी जमाने से निराला है
published on 16 September
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मेरा गोपाल गिरधारी जमाने से निराला है ,
ना गोरा है ना काला है,रसीला है सलोना है |
कभी सपने में आ जाते,कभी खामोश हो जाते ,
ये तरसाने का हे!मोहन,अनोखा ढंग निराला है ||1||
तुम्हें मैं भूल तो जाती,मगर था भूलना मुश्किल ,
तुम्हरी सांवरी मूरत ने,मुझ पर जादू डाला है ||2||
इसी में लुत्फ है मुझको, कि तुम रूठो कि हम तड़फें ,
तुम्हारे लिये इसी दिल को, बड़े नाजों से पाला है ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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