जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा |
published on 17 September
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जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा |
देह के माला, तिलक और छाप, नहीं किस काम के,
प्रेम भक्ति बिना नहीं नाथ के मन भावेगा ||1||
दिल के दर्पण को सफा कर, दूर कर अभिमान को,
ख़ाक को गुरु के कदम की, तो प्रभु मिल जायेगा ||2||
छोड़ दुनिए के मज़े सब, बैठ कर एकांत में,
ध्यान धर हरि का, चरण का, फिर जनम नही आयेगा ||3||
दृढ भरोसा मन मे करके, जो जपे हरि नाम को,
कहता है ब्रह्मानंद, बीच समाएगा ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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