जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा |

जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा |



जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा |

देह के माला, तिलक और छाप, नहीं किस काम के,
प्रेम भक्ति बिना नहीं नाथ के मन भावेगा ||1||

दिल के दर्पण को सफा कर, दूर कर अभिमान को,
ख़ाक को गुरु के कदम की, तो प्रभु मिल जायेगा ||2||

छोड़ दुनिए के मज़े सब, बैठ कर एकांत में,
ध्यान धर हरि का, चरण का, फिर जनम नही आयेगा ||3||

दृढ  भरोसा मन मे करके, जो जपे हरि नाम को,
कहता है ब्रह्मानंद, बीच समाएगा ||4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: