श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए।
published on 17 September
leave a reply
श्यामा तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए।
राधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए।
सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए॥
सुनते हैं तेरी किरपा, दिन रात बरसती है।
एक बूँद जो मिल जाए, मन की कली खिल जाए ||1||
यह मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ।
जितना इसे समझाऊं, उतना ही मचल जाए ||2||
नजरों से गिराना ना, चाहे जो भी सजा देना।
नजरों से जो गिर जाए, मुश्किल ही संभल पाए ||3||
राधे इस जीवन की बस एक तमन्ना है।
तुम सामने हो मेरे, मेरा दम ही निकल जाए ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: