मन्दिर मे रहते हो भगवन, कभी बाहर भी आया जाया करो
published on 17 September
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मन्दिर मे रहते हो भगवन,
कभी बाहर भी आया जाया करो |
मैं रोज़ तेरे दर आता हूँ,
कभी तुम भी मेरे घर आया करो ||
मै तेरे दर का योगी हूँ,
हुआ तेरे बिना वियोगी हूँ |
तेरी याद मे आसूं गिरते हैं,
इतना ना मुझे तद्पाया करो ||1||
आते क्यों मेरे नजदीक नहीं,
इतना तो सताना ठीक नहीं |
मैं दिल से तुमको चाहता हूँ,
कभी तुम भी मुझे अपनाया करो ||2||
मैं दीन हूँ, दीनानाथ हो तुम,
सुख़ दुःख मे सब के साथ हो तुम |
मिलने की चाह खामोश करें,
कभी तुम भी मिला-मिलाया करो ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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