वादा करके श्याम न आये
published on 17 September
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वादा करके श्याम न आये ,
तडपत विरह में नैन हमारे |
ना आई खबरिया, ना कोई पाति,
रहति विरह में जलत दिन राती|
छलिये को मेरी सुध न आई,
काहे को मैंने सुध गँवाई |
आ तो जाते एक पहर में ,
डाल दीन्हि मोहे विरह भंवर में||1||
मैं थी कुमति मत की मारी ,
कैसे निठुर से प्रीति लगाई|
श्याम छवि लियो ह्रदय सजाय,
कौन भूल की दियो सजाय ||2||
उमक हुमक चमकत जाती,
कान्हा की कोई खबर जो पाती|
वर्षा बीत, शीत ऋतू आई,
सब जन आये, श्याम न आये||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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