वादा करके श्याम न आये

वादा करके श्याम न आये




वादा करके श्याम न आये ,
तडपत विरह में नैन हमारे |
ना आई खबरिया, ना कोई पाति,
 रहति विरह में जलत दिन राती|

छलिये को मेरी सुध न आई,
काहे को मैंने सुध गँवाई |
आ तो जाते एक पहर में , 
डाल दीन्हि मोहे विरह भंवर में||1||

मैं थी कुमति मत की मारी ,
कैसे निठुर से प्रीति लगाई|
श्याम छवि लियो ह्रदय सजाय, 
कौन भूल की दियो सजाय ||2||

उमक हुमक चमकत जाती,
कान्हा की कोई खबर जो पाती|
वर्षा बीत, शीत ऋतू आई, 
सब जन आये, श्याम न आये||3||


''जय श्री राधे कृष्णा ''

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