फूलों से दोस्ती है काँटों से यारी है ,

फूलों से दोस्ती है काँटों से यारी है ,



फूलों से दोस्ती है काँटों से यारी है ,
कैसे मज़े की प्यारे जिंदगी हमारी है |

न समझ ख़ुशी को ख़ुशी गम को गम ,
मौत के भी नाम से न घबराये हम ,
किश्ती सदा ही मझदार में उतारी है ||१|| 

चाहे जमीन हो या  हो आसमान ,
ठोकर में अपनी हैं दोनों जहान ,
जितनी गुजारी इसी शान से गुजारी है ||२||  

अपनी खताओं पर भी नाज है ,
खुदा सारी दुनिया से अंदाज है ,
पी भी नहीं है फिर भी खुमारी है ||३||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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