फूलों से दोस्ती है काँटों से यारी है ,
published on 18 September
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फूलों से दोस्ती है काँटों से यारी है ,
कैसे मज़े की प्यारे जिंदगी हमारी है |
न समझ ख़ुशी को ख़ुशी गम को गम ,
मौत के भी नाम से न घबराये हम ,
किश्ती सदा ही मझदार में उतारी है ||१||
चाहे जमीन हो या हो आसमान ,
ठोकर में अपनी हैं दोनों जहान ,
जितनी गुजारी इसी शान से गुजारी है ||२||
अपनी खताओं पर भी नाज है ,
खुदा सारी दुनिया से अंदाज है ,
पी भी नहीं है फिर भी खुमारी है ||३||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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