
तेरी अंखिया हैं जादू भरी,
बिहारी मैं तो कब से खड़ी॥
सुनलो मेरे श्याम सलोना,
तुमने मुझ पर कर दिया टोना
मेरी अंखियां तुम्ही से लड़ी ||1||
तुम सा ठाकुर और ना पाया,
तुमसे ही मैंने नेहा लगाया
मैं तो तेरे ही द्वार पे पड़ी ||2||
कृपा करो हरिदास के स्वामी,
बांके बिहारी अन्तर्यामी
मेरी टूटे ना भजन की लड़ी ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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