
हरि तुमसे मै तो प्रीत करी
नहीं दूर अब रहो घनश्याम पिया
अब एक घड़ी |
प्रीत करी तुमसे मोरे प्रीतम
लोक लाज सब जाय तजि ||1||
प्राण पिया मोरे मोरे भुवन पधारो
नवल कलंगी शीश धरी ||2||
आय रह्यो ठाडो मोरे आंगन
उदर निरखूं मै तो नैन भरी ||3||
ब्रह्मानंद कहे दूर रहो नही
यही मांगत पिया पाँय परि ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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