
झूला झूलत हैं नंदकिशोर ,
बरस जा कारे कारे बादरा ।
हरि रुप गुणों की बलिहारी ,
श्री चरणों में तन मन वारी ।
देखो छाई घटा घनघोर ||1||
घनश्याम छटा नभ में छाई ,
कैसी दिव्य अनूँठी प्रभुताई ।
देखो यमुनाजी लेत हिलोर ||2||
श्री चरणों ने हमको अपनाया ,
सब सार तत्व हमें समझाया ।
देखो छाई कृपा चहुँ ओर ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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