
तू क्यूँ घबराता हैं तेरा श्याम से नाता हैं
जब मालिक हैं सिर पर क्यूँ जी को जलाता हैं|
तू देख विनय कर के तेरी लाज बचायेगा
तू जब भी बुलायेगा हर बार ये आएगा
अपने प्रेमी को दुखी ये देख न पाता है ||१||
तेरी हर मुश्किल को ये चुटकी में हल कर दे ,
कोई दाँव चलाये तो पल में ये विफल कर दे ,
कोई न जान सका किस रूप में आता है ||२||
जब कुछ ना दिखाई दे तू श्याम का ध्यान लगा
मेरा श्याम सहारा हैं मन में विश्वास जगा
जब श्याम कृपा होती रस्ता मिल जाता हैं ||२||
जब बढ़ती जरूरत है ये आता तब तब है ,
'बिन्नू' का ये अनुभव है यहाँ सब कुछ संभव है ,
मेरे श्याम की लीला को कोई समझ न पाता है ||३||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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