
तू ही बन जा मेरा मांझी,
पार लगा दे मेरी नैया ,
हे नटनागर कृष्ण कन्हैया,
पार लगा दे मेरी नैया |
इस जीवन के सागर में ,
हर क्षन लगता है डर मुझको ,
क्या भला है क्या बुरा है,
तू ही बता दे मुझको ||1||
क्या तेरा और क्या मेरा है,
सब कुछ तो बस सपना है ,
इस जीवन के मोहजाल में,
सबने सोचा अपना है ||2||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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