
धुन-जब हम सिमट के आपकी
जब से मिला तू साँवरे किस्मत बदल गई
मेरी अँधेरी ज़िन्दगी अब रोशन हो गई |
खेता रहा हूँ नाव मैं , पतवार के बिना
जन्मों जन्म का सँवारा , तेरा दास मैं बना
तेरी दया से अब मेरी , हालत सुधर गई || १ ||
खाता रहा हूँ ठोकरें , दर दर की मैं सदा
हाथों को तूने थाम के , चलना सिखा दिया
तूने दिखाई राह तो , मंज़िल मिल गई || २ ||
बाबा कभीं ना छोड़ना , अब साथ तुम मेरा
यूँ ही सदा तू थामना , अब हाथ ये मेरा
तेरी महर से " हर्ष " की , बगिया निखर गई || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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