रिध्दि  सिध्दि के दात्ता गजानन ,

रिध्दि सिध्दि के दात्ता गजानन ,



तर्ज :-हंसता हुआ नूरानी चेहरा

रिध्दि  सिध्दि के दात्ता गजानन ,
भग्तों के भाग्य विधाता गजानन ,
घर घर गूंजे तेरा जयकारा बाप्पा ,
मोरिया मोरिया,मोरिया मोरिया |

देवता भी पूजा करते हैं तुम्हारी ,
मोदक के भोग लगे मूसे की सवारी ,
हे सुखकर्ता, हे दुखहर्ता ,
किरपा हमपे रखना सदा ||1||

जो भी चल के आया है दरबार तेरे ,
दूर किये तूने सब गम के अंधेरे ,
किरपा करता , झोलियां भरता
देव बड़ा दयावान है ||2||

रहता है हरदम ये भगतों के संग में ,
रंग देता "अंबरीश" ये अपने ही रंग में ,
ज्योत जगालो , सर को  झुकालो ,
ये है बड़ा सांचा दरबार ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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