
धुन- एक परदेसी मेरा दिल ले गया
आया हूँ शरण में , दीदार के लिए
खाटू वाले श्याम , सरकार के लिए |
एक बर तेरा दरस कर दे ,
इन अँखियों की प्यास भुजा दे,
बैठा बैठा रोऊँ , तेरे प्यार के लिए || १ ||
तुझ बिन मेरा कोई ना सहारा ,
कौन मिटाये दुःख ये हमारा ,
लायक नहीं हूँ , दरबार के लिए || २ ||
दुखिया समझ कर , मुझे अपनाना ,
मेरा " बनवारी " साथ निभाना ,
लाया नहीं कुछ भी दातार के लिए || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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