
और रंग दे रे कान्हाँ और रंग दे ,
म्हारे मनड़ न दाय कोणी आयो रे ,
कान्हुड़ा और रंग दे |
थाने के बतावा थे तो जाणो रंग ढंग ,
थारी भगति रो रंग मन भायो रे ,
कान्हुड़ा और रंग दे || १ ||
निलो पिलो बैगनी झूठा सारा रंग ,
म्हान श्याम चरण रंग भयो रे ,
कान्हुड़ा और रंग दे || २ ||
ऐसो रंग राचणों छुपज्या सारा रंग ,
" नन्दू " प्रेम प्रीत रंग भायो रे ,
कान्हुड़ा और रंग दे || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: