
धुन-लो आ गयी उनकी याद
लो आ गया अब तो श्याम , मैं शरण तेरी |
जाने कहाँ कहाँ पर , भटका तेरा दीवाना , दर पे तुम्हारे बाबा , मेरा आखरी ठिकाना , जिसपे किया भरोसा , उसने ही आँख फेरी || १ ||
मुझे थाम लो दुखों से , आया हूँ हार करके , थक सा गया हूँ दाता , जग को पुकार करके , एक आस दिल में मेरे , बाकी है श्याम तेरी || २ ||
चरणों की धुल दे दे , मुझको को भी हे दयालु , भटका हूँ जिसकी खातिर , सच्ची ख़ुशी वो पा लूँ , ऐ " हर्ष " तूँ बता दे , किस बात की है देरी || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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