
धुन- दीवानों से ये मत पूछो
बेगाने बन कर बैठे हो , दीवाने की क्या फिकर नहीं , तुम्हें मान के शम्मा जल बैठा परवाने की क्या फिकर नहीं |
औरों को लुटाते रहते हो , पर मैं रोकर रह जाता हूँ , तू इतना ज़रा मुझसे कहदे , क्या मेरी दुआ का असर नहीं || १ ||
जो दूर हैं तेरी चौखट से , उनका भी भला कर देते हो , मैं सामने बैठा हूँ फिर भी , क्यूँ मुझपे तेरी नज़र नहीं || २ ||
लाखों का नसीबा बदल दिया , जो शरण तुम्हारी आन पड़े , मैं भी शरणागत हूँ तेरा , क्यूँ किरपा तेरी इधर नहीं || ३ ||
तूने ही अगर जो ठुकराया , फिर तूँ ही बता मैं जाऊं कहाँ , इस " हर्ष " का बाबा बिन तेरे , दूनियाँ में कोई बसर नहीं || ४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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