
पलकें ही पलकें बिछायेंगे मैया को अपने घर बुलायेंगे ,
सारे मिलकर माँ का लाड़ लड़ायेंगे |
सोने की झारी में गंगा जल मंगवाया ,
मैया के स्वागत में चन्दन चौक पुराया,
हाथों से चरणों को धुलायेंगे || १ ||
मैया की प्यारी सी चुनरी है बनवाई ,
चाँदी के प्याले में महेंदी है घुल्वाई ,
माँ के हाथों महेंदी रचायेंगे || २ ||
मैया की नथली में हीरा है घडवाया ,
चाँदी की पायालियाँ पहनायेंगे || ३ ||
फूलों के प्यारे से गजरे हैं मंगवाये ,
" हर्ष " कहे थाली में रोली मोली लाये ,
हाथों से माँ को हम सजायेंगे || ४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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