
वो बिगड़ी बनाने आ गयी ,वो दुखड़े मिटाने आ गई ,
शेर पे सवार हो के आज ,मैया जी मेरे घर आ गई |
भक्तों ने कहा हम मैया को सजायेगें ,
मेहँदी ,चूड़ी चूनर लाल बिदियां लगायेगें ,
तो मैया जी दौड़ी -दौड़ी आ गई ,
चूनर माँ के मन भा गई ||१||
भक्तों ने कहा माँ को झूला हम झूलायेगें ,
फूलों वाले झूले पे मैया को बिठायेंगें ,
तो मैया जी दौड़ी -दौड़ी आ गई ,
लो सावन की रुत छा गई ||2||
भक्तों ने कहा माँ को भोग हम लगायेगें ,
छप्पन भोग के थाल हम सजायेंगे ,
तो मैया जी दौड़ी -दौड़ी आ गई ,
और प्रेम से प्रसाद पा गई ||३|||
भक्तों ने कहा माँ को भजन हम सुनायेगें ,
झुन्झड़ूं वाली मैया से झोली भरवायेंगें ,
तो मैया जी दौड़ी -दौड़ी आ गई ,
''अंबरीश'' खुशियाँ छा गई ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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