
धुन-किस्मत वालों को मिलता है
जब से थामा है , तूने साँवरिया मेरा हाथ खुद ही बन जाती मेरी , बिगड़ी हर बात |
हार गया था मैं तो मनमोहन , पतझड़ सावन बना था ये जीवन, नज़र उठा कर जब तूने देखा , बदल गई इस किस्मत की रेखा, अब तो रहता है मेरे , हर पल तू साथ || १ ||
तूने किया है मेरे लिये जितना , कोइ नहीं कर सकता है उतना , क़र्ज़ तेरा मैं कैसे चुकाऊँगा , अहसान तले डूबा हूँ मैं इतना, हारे का साथी तू ही , दिनों का नाथ || २ ||
परवाह नहीं जो भंवर मैं नैया है , अब तो मेरे साथ कन्हैया है, " अमन " कभी तू डूब नहीं सकता , श्याम ने पकड़ी तेरी नैया है, कर देगा पार ये नैया , बनके पतवार || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: