
धुन - सागर किनारे दिल ये पुकारे आजा कन्हैया , बन के खवैया , तूँ जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है | अँधेरे में भटका मैं वो मुसाफिर , लगता है मोहन डूबेंगे आखिर, तू जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है || १ || आवाज़ मेरी ख़ामोशी तेरी , बच ना सकेंगे श्याम लगेगी जो देरी, तूँ जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है || २ || जागो कन्हैया दीनों के खातिर , " बनवारी " आया मैं जगाने के खातिर , तूँ जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है || ३ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''
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