तेरे चरणों में मस्तक नवाऊं

तेरे चरणों में मस्तक नवाऊं



धुन- कांकरिया मार के जगाया तेरे चरणों में मस्तक नवाऊं , तेरा जी भर के दर्शन मैं पाऊं , साँवरे....श्याम प्यारे | मैं हूँ तेरा तूँ है मेरा , बोल कैसा ये रिश्ता है तेरा मेरा , तुझे किस भाव से रिझाऊं || १ || जानूँ नहीं पहचानूँ नहीं , एक तेरे सिवा किसी को भी मानूँ नहीं, नहीं दुझे दरवाजे पे जाऊं. || २ || लागी लगन होके मगन , मैं तो मस्ती में गाता हूँ तेरे भजन , तेरी घर घर में ज्योत जगाऊं || ३ || द्वार तेरा दरबार तेरा , " बिन्नू " कहता है येही संसार मेरा , तेरे भक्तों संग मौज मैं उडाऊं. || ४ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''

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