ये फूलों का हार , ये गजरे बेशुमार

ये फूलों का हार , ये गजरे बेशुमार



धुन- ना कजरे की धार ये फूलों का हार , ये गजरे बेशुमार, ये किसने किया श्रींगार , इतना प्यारा लागे तूँ , हाँ इतना प्यारा लागे तूँ | तेरे केश हैं घुंघराले , तेरे नैन ये कजरारे, तेरा रूप ऐसा दमके , ज्यूँ चाँद और सितारे , पल भर ना हटे नज़रें, मैं देखूँ बारम्बार || १ || कानो में कुण्डल प्यारे , गले में बैजन्ती माला , तेरे होंठ लागे जैसे , मधु से भरा हो प्याला , जो देखे एक नज़र वो , खो देता है करार || २ || श्रींगार तेरा हटके , बांकी अदा के लटके , ये सांवली सी सूरत , जो देखले वो भटके , नैनो में बस गया तूँ , ओ मेरे लाख्दातार || ३ || दरबार महके तेरा , श्रींगार महके तेरा , मदमस्त हो दीवाना , ये " हर्ष " बहके तेरा, आँखों में छा गया है , तेरे रूप का खुमार || ४ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''

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