
धुन- रघुपति राघव राजा राम आन बसो मन में घनश्याम , मन बन जाये तेरा धाम , राधा के संग आवो श्याम | आन बजाओ मधुर मुरलिया , वश में करलो तन मन छलिया , होठ जपे बस तेरा नाम || १ || पलकों का पलना बसन जाये , राधा के संग श्याम झुलाये जीभ करे तेरा गुणगान || २ || हृदय ये मधुबन बन जाये , जिसमें कान्हां रास रचाये , नैन धरे तेरा ही ध्यान || ३ || साँस साँस तो तेरा वंदन , नस नस वास करे नंदनंदन " हर्ष " निहारे आठों याम || ४ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: