
जगत के रंग क्या देखूँ
प्रभु का नाम ले के जो अपना काम करता है प्रभु उस बंदे की हरपल , हिफाज़त आप करता है |
प्रभु ने खुद ऐसा कहा , तूँ चिन्ता छोड़ दे सारी , है समझा मंत्र को जिसने , हमेशा मस्त रहता है || १ ||
प्रभु के बिन रजा बंदे , यहाँ पत्ता न हिल पाए , बड़ा नादान प्राणी है , व्रथा जो गम में जलता है || २ ||
लिए जा नाम इश्वर का , सत्य एक नाम है जग में , धीर छूटी चैन रूठा , जगत धोखा ही धोखा है || ३ ||
हमारे हित में जो होगा , मिलेगा हमको आकर के , " नन्दू " प्रभु की दया महंगी , बाकी सब माल सस्ता है || ४ ||
'जय श्री राधे कृष्णा ''
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