
धुन-साँवली सूरत पे मोहन श्याम जयन्ती आय गई है,
हम तो झूमें नाचेंगे भगतों पे मस्ती है छाई,
गहरी मौज उड़ायेंगे |
एक तो दरबार प्यारा,
दूजे साँवरिया सजा, तीजे उमड़े जग ये सारा ||1|| एक तो है ज्योत पावन,
दूजे छप्पन भोग है, उसपे है उत्सव सा छाया ||2||
एक तो भजनों का रंग है,
दूजे बहते भाव हैं, तीजे चंग जोरों से बाजे ||3|| श्याम जयंती हम मनायें,
साँवरे के सामने, कहे "रवि" जैकार लगायें, ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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