
धुन-सावन का महिना
कितना दीन दयालु , दातार हमारा श्याम उनकी शरण में जाकर , हमें मिलता है आराम |
हारे हुवों का जग में एक वो सहारा है , हारे हुवों ने सदा उसको पुकारा है , उसका साथ निभाया , जिसने भी पुकारा है || १ ||
उसका दीवाना सदा उसका कहाता है, प्रेमी होके श्याम का कोई ना घबराता है, प्रेमी की हर चिन्ता , वही रकते सुबहो शाम || २ ||
भावना का भूखा है वो भाव देख लेता है , भाव देख करके सारे काम कर देता है, भाव देख कर " तेजू " , प्रभु बन जाते सुखधाम || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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