प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर प्रेम नगर मत जा !

प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर प्रेम नगर मत जा !



प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर प्रेम नगर मत जा | प्रेम नगर का पंथ तो कठिन है, उसका उचा शिखर है ठिकाना है ||1|| प्रेम नगर की गहरी है नदियाँ लाखो लोग रे डुबाना है ||2|| प्रेम नगर की सुन्दर परियाँ , लाखो लोग लुभाना है||3|| ब्रम्हा नन्द के कोइ विरला त्या पहुँचे, पावे पद निरवाना ||4|| ''जय श्री राधे कृष्णा ''

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