
धुन- घर आया मेरा परदेसी
जादू करे तेरी बाँसुरिया, वश में हुई तेरे गुजरिया |
पनघट पे जब तान सुनी, सरक गई सिर से चुनरी, छलक उठी रे गागरिया || १ ||
वेद पढत ब्रम्हा भूले, यमुना उलटी चाल चले, गजब हुआ रे साँवरिया || २ ||
नारद की वीणा छूटी , गोरा माँ शिव से रूठी, शिव नाचे बन गुजरिया || ३ ||
इस मुरली ने जुलम किया, तीन लोक को मोह लिया, " हर्ष " सुनो नट-नागरिया || ४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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