
आज हम सबने बहुत उन्नति कर ली है | परन्तु आत्मिक उन्नति ही वास्तविक उन्नति है |
ह्रदय में भगवद्भक्ति होनी चाहिए , भजन संकीर्तन में रूचि हो ।अपना सब कुछ भगवान को समझकर , कभी किसी की बुराई न करे और अपने को सबसे नीचा समझकर सबकी सेवा करना ही धर्म है ।
जब ह्रदय में ऐसे भाव उदित हो तब हम आत्मिक उन्नति के पथ पर आगे बढ़ सकते है |
सुप्रभात
जय श्री राधे कृष्ण
रस्तोगी
लखनऊ
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