
धुन- मिश्री का पेड़ लगादे
खाटू की टिकट कटादे रसिया ,
श्याम की नगरिया प्यारी लागे |
रंग रंगीलो बैठे श्याम बिराजे , मोरछड़ी जाँके हाथां साजे मन मोहिणी-2 , मूरत जादुगरी लागे || १ ||
साँवरो सलूणो म्हारे हिवडे भायो , म्हां पर गहरो रंग चढायो या तो कान्हूडे की-2 , चाल निराली लागे || २ ||
बेगी सी ढोला खाटू , मैं जाऊँ , श्याम धणी रा दर्शन पाऊँ
म्हाने साँवरे की-2 , सूरत कामणगारी लागे || ३ ||
मैं तो इब म्हारे साँवरे के जास्यूं , " हर्ष " भगत ने भी सागे ले जास्यूं म्हारी श्याम जी सूं-2 , प्रीत पुराणी लागे || ४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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