
तर्ज़-एक तेरा साथ,हमको दो जहाँ से प्यारा है
साँवरिया सरकार, म्हारी अरज़ विचारो ना, म्हारी ओर निहारो ना, आया थारै द्वार, बाबा भूलो ना बिसारो ना, म्हारी ओर निहारो ना| अंत घडी म्हारै, जब साँस अंतिम हो, मुख थारो ही, नाम हो, नैण मँ म्हारै, अन्तिम छवि माँहि, बस थे ही, श्याम हो, हो...हिवडै रा उदगार, समझ कै साँवरा स्वीकारो ना, म्हारी ओर निहारो ना ||1|| भावना म्हारी, थानै लगै साँची, तभी सुधि लेवज्यो, अर्ज़ है म्हारी, बस आपस्यूं इतणी, अर्ज़ मति, भुलज्यो, हो...थां पर दारामदार, म्हारी, अरजी मत टारो ना, म्हारी ओर निहारो ना ||2|| ज़िन्दगी म्है तो, थारै नाम पै लिख दी, बस आखरी, आस है, आस म्हारी तो, म्है केह चुक्या थानै, दरश की प्यास है, हो..."रवि" करै है गुहार, म्हासै करियो कभी किनारो ना, म्हारी ओर निहारो ना ||3|| साँवरिया सरकार... रविन्द्र केजरीवाल"रवि"
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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