ढप बाजे बाबा नन्द घर के,

ढप बाजे बाबा नन्द घर के,




ढप बाजे बाबा नन्द घर के,
ढप बाजैं |

चलो सखी मिल देखन जइए,
 छैल चिकनिया नागर के ||1||

अरू बाजत हैं ढोल दमामा,
 सुनियत घाव नगारन के ||2||

" पुरषोत्तम" प्रभु होरी खेलें,
 झक मारत घर बारन के ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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