
धुन- बिन सजनी के साजन
मेरे दुःख के दिनों में वो , बड़े काम आते हैं जब कोई नहीं आता , मेरे श्याम आते हैं |
मेरी नैया चलती है , पतवार नहीं होती किसी और की अब मुझको , दरकार नहीं होती मैं डरता नहीं रस्ते , सुनसान आते हैं || १ ||
कोई याद करे इसको , दुःख हल्का हो जाए कोई प्रेम करे इससे , ये उसका हो जाये ये बिन बोले दुःख को , पहचान जाते हैं || २ ||
ये इतने बड़े हो कर , दिनों से प्यार करे " बनवारी " छोटे बड़े , सब को स्वीकार करे हर भगतों का कहना , ये मान जाते हैं || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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