
धुन- थारी कौड़ी लागे ना
म्हार मनड़ म लाग्यो चाव , जास्याँ बाबा क |
जद जद आव फागण मेलो, खाटू वालो मारे हेलो, मेरी नगरी म तूँ भी आव , जास्याँ बाबा क || १ ||
बाबा स मिल कर क आस्याँ, एक दूजे क संग बतलास्यां, म्हारे बाबा स प्रेम को लगाव , जास्याँ बाबा क || २ ||
खुश होव जद खाटू वारो, खोल देव अपनों भंडारों , म्हें तो जाणा हाँ ई को स्वभाव , जास्याँ बाबा क || ३ ||
श्याम चरण मं माथो टेको, " बिन्नू " एक बर जाकर देखो, म्हारे बाबा को के है प्रभाव , जास्याँ बाबा क || ४ ||
जय श्री राधे कृष्णा
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