आये महीने तेरी, हाज़री भरूँ

आये महीने तेरी, हाज़री भरूँ




तर्ज़-आने से उसके आये बहार






आये महीने तेरी, हाज़री भरूँ, चौखट पे तेरी, सज़दा करूँ, तुमसे मिले बिन तो, नहीं जीवन कटे |
हर,महि,-ने बाबा, तेरे दर्शन का सुख श्याम पाँवू, फिर तेरी, कृपा को, अपनें दामन में मैं भरता जाँवू, इसके बिना, काम ना चले ,
मेरे सारे सौदे प्रभु, तेरे दम से पटे||1||
गर किसी महीने, मेरी खाटू की यात्रा है छूटे, नित प्रति ओ बाबा, दिल मेरा कई बार टूटे, रोता रहूँ, दरद सहूँ ,
नहीं कोई सौदा पटे, मेरा धंधा घटे ||2|| जब तुम्हे मैं देखूँ, मेरे नैनों की ज्योति बढे है, और मेरा ये जीवन, नई हिम्मत से ऊपर चढे है, कहता 'रवि', सुन साँवरे, 
आना जाना खाटू मेरा, अब नाही छूटे ||3||




रविन्द्र केजरीवाल"रवि

जय श्री राधे कृष्ण


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