साँसों का क्या ठिकाना ' श्री श्याम रटते जाना

साँसों का क्या ठिकाना ' श्री श्याम रटते जाना



धुन- मौसम है आशिकाना

साँसों का क्या ठिकाना ' श्री श्याम रटते जाना '-2

दुनियाँ को छोड़ मैंने , प्रभु तुमको ही पुकारा, तेरा ही है भरोसा , तेरा ही है सहारा , माँगू न श्याम तुमसे , कोई भी ना खजाना || १ ||

श्री श्याम तूँ सुमरले , जीवन को धन्य करले, चरणों की धुली को तूँ , माथे पर ही रगड़ ले, रटते ही रटते बन्दे , श्यामा मिलन तूँ करले || २ ||

महिमा निराली थारी , सारे जग से है न्यारी, " रामकुमार " गावे , चीत से तो महिमा थारी , विनती है श्याम ये ही , मुझको न भूल जाना || ३ ||

जय श्री राधे कृष्ण

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