
धुन- मैंने ना भूलूँगा
कुछ ना बोलूँगा , मुँह ना खोलूँगा समझे तूँ असुवन की भाषा , बस मैं रो लूँगा |
बड़ी मनुहार करी , मगर तूँ ना आया , हार कर नजराना , मैं आँसू का लाया , आँसू की ये भेंट मेरी , स्वीकार करो बाबा, चरण तुम्हारे इस धारा से , आज मैं धो दूँगा || १ ||
भक्त के आँसू क्या , तूँ श्याम सह पायेगा , गले से लगाये बिन , क्या तूँ रह पायेगा, समझ सके तो समझ ले , मेरी मन की पीड़ा बाबा, मैं तो बस रोकर के अपना , दर्द दिखाऊँगा ||२ ||
समझना जो चाहो , तो आँखें पढ़ लेना, अगर तुम जो चाहो , तो किरपा कर देना, आँखों में सैलाब लिए , ये " हर्ष " खड़ा बाबा, चौखट से इनकार मिला तो , वो भी सह लूँगा || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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