
धुन- बीते हुए लम्हों की
हे मात भवानी जो कृपा आप की होगी बेटे से अपनी माँ की मुलाक़ात तो होगी |
खामोश ज़िन्दगी है , टूटे हैं सहारे क़दमों में बिछा देंगे माँ , तक़दीर के तारे टूटे हुए तारों की खनक , आप से होगी || १ ||
मझधार में है नैया , है दूर किनारा मैया तूँ लगा देना , कश्ती को किनारा मजबुर हो गया हूँ , जरा साथ तो देगी || २ ||
इस मन में रमी हो तुम , इस तन में रमी हो ढूँढू मैं कहाँ तुमको , कण कण में बसी हो अब तूँ ही बता " शंम्भू " से क्या बात न होगी || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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